कंप्यूटर क्या है? – परिभाषा, इसके प्रकार, वर्गिकरण और विशेषताएँ

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नमस्कार दोस्तो, आजकल काफी सारे एक्जाम में कंप्यूटर से जुड़े बहुत से सवाल पुछे जाते है। साथ काफी सारे लोगों को कंप्यूटर के बारे में जानना काफी पसंद होता है।

ऐसे में हम आज आपको कंप्यूटर क्या होता है? कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया? इसकी फुल फॉर्म के साथ साथ इसके वर्गिकरण के बारे में डिटेल्स में जानकारी देंगे।

Table of Contents

कंप्यूटर क्या है? What is Computer in Hindi

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है, जो इनपुट किए हुए डाटा को प्रोसैस करके उसको इन्फॉर्मेशन में बदलने का काम करता है। इनपुट किए डाटा को इन्फॉर्मेशन में बदलने के कारण इसे डाटा प्रॉसेसर भी कहा जाता है।

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है, जो अलग अलग पार्ट से मिलकर बनी हुई है। जो यूजर के द्वारा दी जाने वाली इन्फॉर्मेशन को लेकर उसके आधार पर प्रोसेसिंग करके हमें आउटपुट देती है।

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कंप्यूटर शब्द का अर्थ क्या है?

कंप्यूटर एक लेटिन भाषा के शब्द “computare” से बना है जिसका मतलब गणना करना होता है। शुरुआत में कंप्यूटर का काम सिर्फ कैलक्युलेशन करना होता था, इसी के चलते Computer का अर्थ लेटिन भाषा में गणना करना है।

कंप्यूटर के इसी गणना करने के लेटिन अर्थ के कारण इसे काफी लोगों के द्वारा हिन्दी में सगंणक भी कहा जाता है।

आप जान गए होगे की कम्यूटर शब्द की उतप्ति लेटिन शब्द से हुई है, जिसका मतलब गणना करना होता है। 

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

कंप्यूटर के आविष्कार Charles Babbage ने 1830 में किया था। ये एक बहुत बड़े गणितज्ञ और आविष्कारक थे, इन्होने Analytical Engine बनाकर आधुनिक कंप्यूटर की नीव डाली थी।

कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या है?

कंप्यूटर शब्द English के सात शब्द Computer से मिलकर बना है। इस शब्द में हर एक Word का अपना मतलब है।

C – Common

O – Operating

M – Machine

P – Purposely

U – Used for

T – Technological &

E – Education

R – Research

Computer शब्द की इस फुल फॉर्म को 20 वीं सदी के मध्य में तैयार किया गया था।

कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर

कंप्यूटर के अंदर इस्तेमाल किए जाने वाले पपार्ट यां प्रोग्राम को दो भागों में विभाजित किया जाता है।

  1. हार्डवेयर (Hardware)
  2. सॉफ्टवेयर (Software)

हार्डवेयर (Hardware)

Computer के ऐसे पार्ट जिन्हे हम अपनी आँखों से देख सकते है, उन्हे छु सकते है और उठा सकते है हार्डवेयर कहलाते है। कंप्यूटर में फ़िज़िकल रूप में इस्तेमाल होने वाला हर एक डिवाइस हार्डवेयर का Example है।

उदाहरण के तौर पर आप कीबोर्ड, माऊस, सीपीयू आदि को छु सकते है, देख सकते है तो ये सभी कंप्यूटर के हार्डवेयर है।

सीपीयू, माऊस, कीबोर्ड, जॉयस्टिक आदि

सॉफ्टवेयर (Software)

कंप्यूटर के वे पार्ट जिन्हे हम छु नहीं सकते है परंतु कंप्यूटर क run करने के लिए काम आते है, उन्हे सॉफ्टवेर कहा जाता है।

Software एक प्रकार से प्रोग्राम का सेट होता है, जो कंप्यूटर को चलाने, यूजर को कंप्यूटर के साथ कनैक्ट करने, कंप्यूटर को बूट करने के लिए जरूरी होते है।

कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर के भी आगे अलग अलग प्रकार होते है। जिसमें सिस्टम सॉफ्टवेयर, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर, Utility Software आदि शामिल है।  

आप अपने कंप्यूटर में विंडो, माइक्रोसॉफ़्ट ऑफिस, फोटोशॉप, विडियो एडिटिंग टूल्स, क्रोम ब्राउज़र, गेम आदि का इस्तेमाल करते है वो सभी Computer के software है।

कंप्यूटर का वर्गिकरण (Classifications of Computer in Hindi)

कंप्यूटर को उसके उद्देश्य, काम और आकार के आधार पर आगे अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है।

  1. उद्देश्य के आधार पर
  2. काम के आधार पर
  3. साइज़ के आधार पर

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर का वर्गिकरण

उद्देश्य के आधार पर Computer को दो भागों में Divide किया गया है।

  1. General Purpose Computer
  2. Special Purpose Computer

General Purpose Computer

इस प्रकार का कम्प्युटर का इस्तेमाल किसी सामान्य उद्देश्य के लिए किया जाता है। इस प्रकार के Computer Multitasking के लिए बेहतर होते है।

General Purpose Computer में सीपीयू की क्षमता और कीमत दोनों ही कम होती है। लैटर, डॉकयुमेंट, प्रिंट करने के लिए इस प्रकार के कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है।

Special Purpose Computer

इस प्रकार के कंप्यूटर को किसी स्पेशल उद्देश्य के लिए तैयार किया जाता है। इंका इस्तेमाल अन्तरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान यां किसी उपग्रह का संचालन करने के लिए किया जाता है।

इस प्रकार के कंप्यूटर के सीपीयू की क्षमता काफी ज्यादा और कीमत भी काफी ज्यादा होती है।

काम के आधार पर कंप्यूटर का वर्गिकरण

कंप्यूटर को उनके काम के आधार पर आगे अलग अलग तीन भागों में बांटा गया है। 

  1. Digital Computer
  2. Analog Computer
  3. Hybrid Computer

डिजिटल कंप्यूटर

जो कंप्यूटर binary number system 0 और 1 पर काम करते है उन्हे डिजिटल कंप्यूटर कहा जाता है। आसान भाषा में कहें तो ये कंप्यूटर Digits पर काम करते है।

Digital Computer डाटा को 0 और 1 में Read और स्टोर करते है। आजकल के ज़्यादातर कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर ही है।

आपके और मेरे पास को लैपटॉप, कंप्यूटर है वे सभी डिजिटल कंप्यूटर ही है।

Analog Computer

ऐसे कंप्यूटर जो दाब, तापमान, लंबाई, ऊंचाई आदि को मापकर हमें अंको में परिणाम देते है, उन्हे Analog Computer कहा जाता है।

आप तापमान मापने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल करते है, स्पिडोमीटर, अनैलॉग गड़ी ये सभी Analog Computer के उदाहरण है।

हाइब्रिड कंप्यूटर

Hybrid Computer के नाम से ही आप समझ सकते है कि जो कंप्यूटर Digital और Analog दोनों के आधार पर काम करते है Hybrid Computer कहलाते है।

Petrol Pump पर लगा मीटर Hybrid Computer का एक अच्छा उदाहरण है।

साइज़ के आधार पर कंप्यूटर का वर्गिकरण

इसके बाद साइज़ के आधार पर भी कंप्यूटर को अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है।

  1. Micro Computer
  2. Mini Computer
  3. Mainframe Computer
  4. Super Computer

माइक्रो कंप्यूटर –

Micro Computer को पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है, ये Computer Size में छोटे और कीमत में सस्ते होते है।

Laptop, Tablet, Desktop आदि इसके उदाहरण है।

First Micro Computer MICRAL 1973 है।

मिनी कंप्यूटर –

Micro Computer से ज्यादा अधिक कार्यक्षमता वाले Computer होते है। इनकी speed और memory भी माइक्रो कंप्यूटर से ज्यादा होती है। इस प्रकार के कंप्यूटर का इस्तेमाल ज़्यादातर सर्वर के रूप में किया जाता है।

Mini Computer पर एक साथ 2 से लेकर 200 व्यक्ति तक काम कर सकते है। इन्हे ज़्यादातर Database Management, Business Transaction के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

सबसे पहला Mini Computer PDPY को IBM Company ने 1960 में बनाया था। Mini Computer mid range server के लिए इस्तेमाल किए जाते है।

मैनफ्रेम कंप्यूटर

जिन कंप्यूटर कि मेमोरी बहुत ज्यादा, साइज़ में बड़े, तेज स्पीड और होती है। हजारो व्यक्ति एक साथ इन कंप्यूटर पर काम कर सके ऐसे कंप्यूटर मैनफ्रेम कंप्यूटर कहलाते है।

MainFrame Computer का इस्तेमाल बड़ी बड़ी कंपनी और सरकार के विभागो में किया जाता है। पहला Mainframe Computer Harward Mark – 1 है जिसे 1943 में बनाया गया था। 

सुपर कंप्यूटर

दुनियाँ के सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर Super Computer कहलाते है। Super Computer कि मेमोरी बहुत ज्यादा होती है और इनकी प्रोसेसिंग का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

Super Computer में हजारो प्रॉसेसर होते है जो एक सेकंड के हजारवे भाग में अरबों कि कैलक्युलेशन कर सकता है।

परमाणु हथयार बनाने, अन्तरिक्ष में विमान भेजने के लिए इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर इसका उदाहरण है विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर CDC 6000 को 1964 में बनाया गया था।

भारत का पहला सुपर कंप्यूटर PARAM 8000 है।

कंप्यूटर के पार्ट्स (Parts of Computer)

अब हम कंप्यूटर के अलग अलग पार्ट के बारे में जानते है। आप कंप्यूटर के पार्ट्स के बारे में डिटेल्स में जानने के लिए हमारे लिखे आर्टिक्ल कंप्यूटर के पार्ट्स और उनके कार्य को पढ़ सकते है, जहां सभी जानकारी डिटेल्स में बताई गयी है।

Motherboard –

कंप्यूटर कि सबसे महत्वपूर्ण इकाई है, जिसके अंदर RAM और ROM, पावर सप्लाइ आदि जिड़े होते है। मदर बोर्ड कंप्यूटर का दिल है।

CPU

CPU को Central Processing Unit कहते है, यह कंप्यूटर का दिमाग होता है। हर प्रकार कि प्रोसेसिंग के लिए कंप्यूटर में सीपीयू का ही रोल होता है।

RAM

RAM कि फुल फॉर्म Random Access Memory है, कंप्यूटर के अंदर जो भी इनपुट दी जाती है वह RAM में स्टोर कि जाती है। CPU को प्रोसेसिंग के लिए किसी भी डाटा कि जरूरत होती है तो वह रेम से लेता है।

कंप्यूटर में RAM न होने पर उसे Run नहीं किया जा सकता है। RAM एक पेरमानेंट मेमोरी नहीं है इसके सेव डाटा कंप्यूटर बंद होने के बाद डिलीट हो जाता है।  

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ

कंप्यूटर को अलग अलग Generation में भिवाजित किया गया है। आज के समय चलने वाले कंप्यूटर 5th जेनेरेशन के है।

  1. 1st Generation
  2. 2nd Generation
  3. 3rd Generation
  4. 4th Generation
  5. 5th Generation

First Generation Computer

Electronics Circuit के रूप में Vacuum tube का इस्तेमाल किया गया। 1945 से 1954 तक First Generation का टाइम था

Second Generation Computer

Second Generation Computer के अंदर Transistor का इस्तेमाल किया गया था। सेकंड जेनेरेशन कंप्यूटर की स्पीड माइक्रो सेकंड में थी। 1955 से लेकर 1964 तक सेकंड जेनेरेशन थी।

Third Generation Computer

1965 से लेकर 1974 तक Third Generation का टाइम था। इनमें integrated Circuit का इस्तेमाल किया गया था।

4th Generation Computer

इनमें Large scale और Very large scale के Integrated Circuit का इस्तेमाल किया गया था। 1975 से लेकर 1990 तक का टाइम इस जेनेरेशन के कंप्यूटर का था।

Fourth Generation Computer के अंदर ही पर्सनल पीसी का विकास हुआ था, जिनके अंदर C और C+ लैड्ग्वेज का इस्तेमाल किया गया था।

Fifth Generation Computer

1990 से लेकर अब तक आने वाले सभी कंप्यूटर इस जेनेरेशन के है। इनमें Programing Logic और List Processing Language का इस्तेमाल किया गया है।

कंप्यूटर की विशेषताएँ (Characteristics of Computer)

  1. गति (Speed)
  2. शुद्दता (Accuracy)
  3. संग्रहण क्षमता (Storage Capacity)
  4. विश्वनीयता (Reliablity)
  5. सार्वभौमिकता (Versatility)
  6. कर्मठता (Diligence)

गति

कंप्यूटर की गति बहुत तेज होती है, यह अरबों करोड़ों की गणना सिर्फ कुछ मिली सेकंड में कर सकता है।

शुद्दता

कंप्यूटर की शुद्दता बहुत होती है, इसके कोई भी परिणाम गलत नहीं होते है।

संग्रहण क्षमता

कंप्यूटर के अंदर मेमोरी होती है, जिसे आप अपने हिसाब से बढ़ा घटा सकते है।

विश्वनीयता

कंप्यूटर बहुत ही विश्वनीय मशीन है, इसके परिणाम पर आप आँख मूंदकर विश्वास कर सकते है।

सार्वभौमिकता

यह अलग अलग कामो को एक साथ में कर सकता है। इसमें आप multitasking कर सकते है।

कर्मठता

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो बिना थके हजारों लाखों घंटो तक काम कर सकती है।

निष्कर्ष

आपने इस आर्टिक्ल के अंदर कंप्यूटर क्या है? कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया और इसके अलग अलग गुणो के बारे में आपने जाना। आप इस आर्टिक्ल को पढ़ने के बाद कंप्यूटर से जुड़ी सभी बेसिक जानकारी आपको पता चल गयी होगी।

मुझे उम्मीद है कंप्यूटर से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको किसी भी Exam में यह आपको काफी हेल्प करेगी। कंप्यूटर से जुड़ी कोई और इन्फॉर्मेशन चाहिए तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है।

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FAQs

भारत में कंप्यूटर कौन लाया था?

भारत के अंदर Dwijish Dutta जी के द्वारा कोलकाता में भारतीय विज्ञान संस्थान के अंदर पहला कंप्यूटर लाया गया था।

भारत का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

भारत का अपना पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है।

दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर कौन सा है?

दुनियाँ का सबसे टेज कंप्यूटर अभी तक का Frontier है। आने वाले समय में हो सकता है इससे भी तेज कंप्यूटर देखने को मिल जाए।

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